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उपसर्ग – परिभाषा, भेद और उदाहरण Upsarg in Hindi

By Admin@guru

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उपसर्ग – परिभाषा, भेद और उदाहरण

उप + सर्ग = उपसर्ग
‘उप’ का अर्थ है-समीप या निकट और ‘सर्ग’ का-सृष्टि करना।

“उपसर्ग वह शब्दांश या अव्यय है, जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में (मूल शब्द के अर्थ में) विशेषता ला दे या उसका अर्थ ही बदल दे।”

परिभाषा :

वह शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व में लगकर नये शब्द का निर्माण करते हैं अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं ।

यह शब्दांश होने के कारण वैसे इनका स्वतंत्ररूप से अपना कोई महत्व नहीं होता किन्तु शब्द के पूर्व संश्लिष्ट अवस्था में लगकर उस शब्द विशेष के अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं ।

जैसे ‘हार’ एक शब्द है, इसके साथ शब्दांश प्रयुक्त होने पर कई नये शब्द बनते हैं यथा आहार (भोजन), उपहार (भेंट), प्रहार (चोट), विहार (भ्रमण), परिहार (त्यागना), प्रतिहार (द्वारपाल), संहार (मारना), उद्धार (मोक्ष) आदि । अतः ‘हार’ शब्द के साथ प्रयुक्त क्रमश: आ, उप, प्र, वि, परि, प्रति, सम्, उत्, शब्दांश उपसर्ग की श्रेणी में आते हैं ।

उपसर्ग के प्रकार 

संस्कृत में उपसर्ग की 22 संख्या होती है । ये उपसर्ग हिन्दी में भी प्रयुक्त होते हैं, इसलिए इन्हें संस्कृत के उपसर्ग कहते हैं ।

हिन्दी भाषा में तीन प्रकार के उपसर्गों का प्रयोग होता है-       

  • संस्कृत के उपसर्ग : कुल 22 उपसर्ग
  • हिन्दी के अपने उपसर्ग : कुल 10 उपसर्ग         
  • विदेशज उपसर्ग : कुल 12 उपसर्ग

ये उपसर्ग जहाँ कहीं भी किसी संज्ञा या विशेषण से जुड़ते हैं, वहाँ कोई-न-कोई समास अवश्य रहता है। यह सोचना भ्रम है कि उपसर्ग का योग समास से स्वतंत्र रूप में नये शब्द के निर्माण का साधन है। हाँ, समास के कारण भी कतिपय जगहों पर शब्द-निर्माण होता है।

अव्ययीभाव समास – तत्पुरुष समास
आ + जीवन = आजीवन – प्र + आचार्य = प्राचार्य
प्रति + दिन = प्रतिदिन – प्र + ज्ञ = प्रज्ञ
सम् + मुख = सम्मुख – अति + इन्द्रिय = अतीन्द्रिय
अभि + मुख = अभिमुख
अधि + गृह = अधिगृह
उप + गृह = उपगृह

बहुव्रीहि समास

प्र + बल = प्रबल : प्रकृष्ट हैं बल जिसमें
निर् + बल = निर्बल : नहीं है बल जिसमें
उत् + मुख = उन्मुख : ऊपर है मुख जिसका
वि + मुख = विमुख : विपरीत है मुख जिसका

प्रमुख उपसर्ग, अर्थ एवं उनसे बने शब्द

अर्थ – नवीन शब्द

संस्कृत के उपसर्ग

प्र अधिक, उत्कर्ष, गति, यश, उत्पत्ति, प्रबल, प्रताप, प्रक्रिया, प्रलाप, प्रयत्न,
आगे – प्रलोभन, प्रदर्शन, प्रदान, प्रकोप
परा – उल्टा, पीछे, अनादर, नाश पराजय, – पराभव, पराक्रम, परामर्श, पराकाष्ठा
अप – लघुता, हीनता, दूर, ले जाना – अपमान, अपयश, अपकार, अपहरण, अपसरण, अपादान, अपराध, अपकर्ष
सम् – अच्छा, पूर्ण, साथ – संगम, संवाद, संतोष, संस्कार, समालोचना, संयुक्त
अनु – पीछे, निम्न, समान, क्रम – अनुशासन, अनुवाद, अनुभव, अनुराग, अनुशीलन, अनुकरण

अर्थ – नवीन शब्द

अव – अनादर हीनता, पतन, विशेषता – अवकाश, अवनत, अवतार, अवमान, अवसर, अवधि
निसृ – रहित, पूरा, विपरीत – निस्तार, निस्सार, निस्तेज, निष्कृति, निश्चय, निष्पन्न
नीर – बिना, बाहर, निषेध – निरपराध, निर्जन, निराकार, निर्वाह, निर्गम, निर्णय, निर्मम, निर्यात, निर्देश
दुस्रू – बुरा, कठिन – दुश्शासन, दुष्कर, दुस्साहस, दुस्तर, दुःसह
दूर – कठिनता, दुष्टता, निंदा, हीनता – दुर्जन, दुराचार, दुर्लभ, दुर्दिन।
वि – भिन्नता, हीनता, असमानता, विशेषता – वियोग, विवरण, विमान, विज्ञान, विदेश, विहार
नि – निषेध, निश्चित, अधिकता – निवारण, निपात, नियोग, निवास, निगम, निदान
आ – तक, समेत, उल्टा – आकण्ठ, आगमन, आरोहण, आकार, आहार, आदेश
अति – अत्यधिक – अतिशय, अत्याचार, अतिपात, अतिरिक्त, अतिक्रमण
अधि – ऊपर, श्रेष्ठ, समीपता, उपरिभाव – अधिकार, अधिपति, अध्यात्म, अधिगत, अध्ययन, अधीक्षक, अध्यवसाय
सु – उत्तमता, सुगमता, श्रेष्ठता। – सुगम, सुजन, सुकाल, सुलभ, सुपच, सुरम्य,
उत् – ऊँचा, श्रेष्ठ, ऊपर – उत्कर्ष, उदय, उत्पत्ति, उत्कृष्ट, उत्पात, उद्धार
अभि – सामने, पास, अच्छा, चारों ओर – अभिमुख, अभ्यागत, अभिप्राय, अभिकरण, अभिधान, अभिनव
परि – आस-पास, सब तरफ, पूर्णता – परिक्रमा, परिजन, परिणाम, परिमाण, परिश्रम, परित्यक्त
उप – निकट, सदृश, गौण, सहायता, लघुता – उपवन, उपकूल, उपकार, उपहार, उपार्जन, उपेक्षा, उपादान, उपपत्ति। प्रतिकार, प्रतिज्ञा,
प्रति – विशेषार्थ में – प्रतिष्ठा, प्रतिदान, प्रतिभा, प्रतिमा

हिन्दी के उपसर्ग

अ/अन अभाव, निषेध – अछूता, अचेत, अनमोल, अनपढ़, अनगढ़, अपढ़
क/कु बुराई, नीचता – कुचाल, कुठौर, कपूत
अध आधा – अधपका, अधमरा, अधकचरा
औ/अव हीनता, अनादर, निषेध – अवगुण, औघट, औढ़र
नि निषेध, अभाव – निडर, निकम्मा, निहत्था, निठुर
भर पूरा – भरपेट, भरपूर, भरसक
सुस उत्तमता, साथ – सुडौल, सुजान, सपूत
उन एक कम – उनचास, उनतीस, उनासी
दु कम, बुरा – दुबला
बिन अभाव, बिना – बिनदेखा, बिनबोला

विदेशज उपसर्ग अरबी-फारसी के उपसर्ग

  • कम अल्प, हीन – कमजोर, कमसिन
  • खुश उत्तमता – खुशबू, खुशहाल, खुशखबरी

अर्थ – नवीन शब्द

गैर निषेध, रहित – गैरहाजिर, गैरकानूनी
दर अन्दर, में – दरअसल, दरहकीकत, दरकार
ना अभाव, रहित – नालायक, नाजायज, नापसंद
ब अनुसार – बनाम, बदौलत
बद हीनता – बदतमीज, बदबू
बर पर – बरवक्त, बरखास्त
बा – बाकायदा, बाकलम
बिला बिना – बिलाअक्ल, बिलारोक
ला अभाव – बेईमान, बेवकूफ, बेहोश
ला अभाव, बिना – लाजवाब, लावारिस, लापरवाह
सर श्रेष्ठ – सरताज, सरपंच, सरनाम
हम साथ – हमदर्द, हमसफर, हमउम्र, हमराज
प्रत्येक – हररोज, हरघड़ी, हरदफा

उपसर्गवत् अव्यय, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण

अ अभाव, निषेध – अधर्म, अज्ञान, अनीति
अन् अभाव/निषेध – अनर्थ, अनंत
अन्तर भीतर – अन्तर्नाद, अन्तर्राष्ट्रीय
का/कु बुरा – कापुरुष, कुपुत्र
चिर बहुत – चिरकाल, चिरंजीव
न अभाव – नगण्य, नपुंसक
पुनर् फिर – पुनर्निर्माण, पुनरागमन
पुरा पहले – पुरातन, पुरातत्त्व
बाहिर/ बाहर – बहिष्कार, बहिर्धार
बहिस् –
स सहित – सपरिवार, सदेह, सचेत
सत् अच्छा – सत्पात्र, सदाचार
सह, साथ – सहकारी, सहोदर
अलम् शोभा, बेकार – अलंकार
आविस प्रकट/बाहर होना – आविष्कार, आविर्भाव
तिरस् तिरछा, टेढ़ा, अदृश्य – तिरस्कार, तिरोभाव
पुरस् सामने – पुरस्कार
प्रादुर् प्रकट होना, सामने आना – प्रादुर्भाव, प्रादुर्भूत
साक्षात् – साक्षात्कार

दो उपसर्गों से निर्मित शब्द

निर् + आ + करण = निराकरण
प्रति + उप + कार = प्रत्युपकार
सु + सम् + कृत = सुसंस्कृत
अन् + आ + हार = अनाहार
सम् + आ + चार = समाचार
अन् + आ + सक्ति = अनासक्ति
अ + सु + रक्षित = असुरक्षित
सम् + आ + लोचना = समालोचना
सु + सम् + गठित = सुसंगठित
अ + नि + यंत्रित = अनियंत्रित
अति + आ + चार = अत्याचार
अ + प्रति + अक्ष = अप्रत्यक्ष

उपसर्ग        अर्थ                          उपसर्गयुक्त शब्द

1. अति      अधिक/परे      अतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि,  अतिशीघ्र, अत्यन्त, अत्यधिक,अत्याचार, अतीन्द्रिय, अत्युत्तम,   अत्यावश्यक, अत्युक्ति, अतीव ।

2. अधि   प्रधान/श्रेष्ठ     अधिकरण, अधिनियम, अधिनायक अधिकार, अधिमास, अधिपति,    अधिकृत, अध्यक्ष, अधीक्षण,                                           अध्यादेश, अधीन, अध्ययन,   अधीक्षक, अध्यात्म, अध्यापक ।

3. अनु    पीछे/समान     अनुकरण, अनुकूल, अनुचर,अनुजअनुशासन, अनुरूप, अनुराग,  अनुक्रम, अनुनाद, अनुभव,  अनुशंसा, अन्वय, अन्वीक्षण,  अन्वेषण, अनुच्छेद, अनुदित ।

4. अप    बुरा/विपरीत    अपकार, अपमान, अपयश,     अपशब्द, अपकीर्ति, अपराध,अपव्यय, अपहरण, अपकर्ष,                                           अपशकुन, अपेक्षा ।

5. अभि   पास/सामने    अभिनव, अभिनय, अभिवादन,अभिमान, अभिभाषण, अभियोग,अभिभूत, अभिभावक, अभ्युदय,                                     अभिषेक, अभ्यर्थी, अभीष्ट, अभ्यान्तर, अभीप्सा, अभ्यास ।

6. अव    बुरा/हीन        अवगुण, अवनति, अवधारणा,अवज्ञा, अवगति, अवतार,अवकाश, अवलोकन, अवशेष, अवसर,                                          अवतरण ।

7. आ      तक/से         आजन्म, आहार, आयात, आतप,  आजीवन, आगार, आगम, आमोद, आशंका, आरक्षण, आमरण,                                            आगमन, आकर्षण, आबालवृद्ध, आघात ।

8. उत्    उपर/श्रेष्ठ        उत्पन्न, उत्पत्ति, उत्पीड़न, उत्कंठा,  उत्कर्ष, उत्तम, उत्कृष्ट, उदय, उन्नत, उल्लेख, उद्धार, उच्छ्वास,उज्जवल,  उच्चारण, उच्छृंखल, उद्गम ।

9. उप  पास/सहायक   उपकार, उपवन, उपनाम, उपचार,   उपहार, उपसर्ग, उपमन्त्री, उपयोग, उपभोग, उपदेश, उपयुक्त, उपेक्षा,                                     उपाधि, उपाध्यक्ष, उपभेद ।

10. दूर्  कठिन/बुरा/विपरीत    दुराग्रह, दुराचार, दुराशा,  दुरुपयोग, दुरभिसंधि, दुर्गुण, दुर्दशा,   दुर्भावना, दुर्घटना, दुरुह, दुरावस्था ।

11. दुस्   बुरा/विपरीत/कठिन   दुश्चिंता, दुश्शासन, दुष्कर,दुष्कर्म, दुस्साहस, दुस्साध्य ।

12. नि   बिना/विशेष   निडर, निगम, निवास, निदान,निहत्थ,   निबन्ध, निदेशक, निकर, निवारण,   न्यून, न्याय, न्यास, निषेध, निश्चित ।

13. निर्   बिना/बाहर   निरपराध, निराकार,निराहार,निरक्षर,  निरादर, निरहंकार,निरामिष,निर्जर, निर्धन, निर्यात, निर्दोष, नीरोग,नीरस,                                 निरीह, निरीक्षण, निरवलम्ब ।

14. निस्   बिना/बाहर   निश्चय, निश्छल, निष्काम, निष्कर्ष, निष्फल, निस्तेज, निस्सन्देह,निष्पाप।

15. प्र    आगे/अधिक    प्रदान, प्रबल, प्रयोग, प्रचार, प्रसार, प्रहार, प्रयत्न,प्रभंजन,प्रपौत्र,प्रारम्भ, प्रोज्ज्वल, प्राचार्य, प्रार्थी,प्रायोजक,                                    प्रेत ।

16.  परा    विपरीत/पीछे/अधिक      पराजय, पराभव,  पराक्रम, परामर्श, परावर्तन,  पराविद्या, पराकाष्ठा ।

17.  परि    चारों और/पास    परिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिमार्जन, परिहार, परिक्रमण,  परिभ्रमण, परिधान, परिहास,                                           परिश्रम, परिवर्तन, परीक्षा, पर्याप्त, पर्यटन, परिणाम, पर्यावरण,   परिमाण, परिच्छेद, पर्यन्त ।

18.  प्रति    प्रत्येक/विपरीत     प्रतिदिन, प्रत्येक, प्रतिकूल,  प्रतिहिंसा, प्रतिरूप, प्रतिध्वनि,  प्रतिनिधि, प्रतीक्षा, प्रत्युत्तर,                                             प्रत्याशा, प्रतीति ।

19.  वि    विशेष/भिन्न   विजय, विज्ञान, विदेश, वियोग, विनाश, विपक्ष, विलय, विहार,विधान, व्यवहार, व्यर्थ, व्यायाम,                                       व्यंजन, व्याधि, व्यसन, व्यूह,    विख्यात ।

20.  सु    अच्छा/सरल    सुगन्ध, सुगति, सुबोध, सुयश सुमन, सुलभ, सुशील, सुअवसर,  स्वागत, स्वल्प, सूक्ति ।

21. सम्   अच्छी तरह/पूर्ण शुद्ध     संकल्प, संचय, सन्तोष,संगठन, संचार, संलग्न, संयोग,  संहार, संशय, संरक्षा ।

22. अन्   नहीं/बुरा      अनन्त, अनादि, अनेक, अनाहूत,   अनुपयोगी, अनागत, अनिष्ट, अनीह,    अनुपयुक्त, अनुपम, अनुचित, अनन्य।

उपर्युक्त उपसर्गों के अतिरिक्त संस्कृत के निम्न उपसर्ग भी हिंदी में प्रयुक्त होते हैं –

1. अन्तर्    –   अन्तर्गत, अन्तरात्मा, अन्तर्धान, अन्तर्दशा,  अन्तर्राष्ट्रीय, अन्तरिक्ष, अन्तर्देशीय ।

2.  पुनर्     –    पुनर्जन्म, पुनरागमन, पुनरुदय, पुनर्विवाह,  पुनर्मूल्यांकन, पुनर्जागरण ।

3.  प्रादुर्    –    प्रादुर्भाव, प्रादुर्भूत ।

4.  पूर्व      –    पूर्वज, पूर्वाग्रह, पूर्वार्द्ध, पूर्वाह्न, पूर्वानुमान ।

5.  प्राक्    –     प्राक्कथन, प्राक्कलन, प्रागैतिहासिक,प्राग्देवता प्राङ्मुख, प्राक्कर्म ।

6.  पुरस्    –    पुरस्कार, पुरश्चरण, पुरस्कृत ।

7.  बहिर्    –    बहिरागत, बहिर्जात, बहिर्भाव, बहिरंग,बहिर्गमन ।

8.  बहिस्    –   बहिष्कार, बहिष्कृत ।

9.  आत्म    –    आत्मकथा, आत्मघात, आत्मबल,  आत्मचरित, आत्मज्ञान ।

10. सह     –     सहपाठी, सहकर्मी, सहोदर, सहयोगी,   सहानुभूति, सहचर ।

11. स्व     –     स्वतन्त्र, स्वदेश, स्वराज्य, स्वाधीन, स्वरचित,    स्वनिर्मित, स्वार्थ ।

12. पुरा     –    पुरातन, पुरातत्व, पूरापथ, पुराण, पुरावशेष ।

13. स्वयं    –    स्वयंभू, स्वयंवर, स्वयंसेवक, स्वयंपाणी,    स्वयंसिद्ध ।

14. आविस्   –   आविष्कार, आविष्कृत ।

15. आविर्   –   आविर्भाव, आविर्भूत ।

16. प्रातर्    –    प्रातः काल, प्रातः वंदना, प्रातः स्मरणीय ।

17. इति      –     इतिश्री, इतिहास, इत्यादि, इतिवृत्त ।

18. अलम्   –   अलंकरण, अलंकृत, अलंकार ।

19. तिरस्   –   तिरस्कार, तिरस्कृत ।

20. तत्     –    तल्लीन, तन्मय, तद्धित, तदनन्तर, तत्काल   तत्सम, तद्भव, तद्रूप ।

21. अमा   –    अमावस्या, अमात्य ।

22. सत्    –    सत्कर्म, सत्कार, सद्गति, सज्जन, सच्चरित्र,  सद्धर्म, सदाचार ।

(ii)  हिंदी के उपसर्ग :

1. अन   –   (नहीं) अनपढ़, अनजान, अनबन, अनमोल  अनहोनी, अनदेखी, अनचाहा, अनसुना ।

2. अध   –   (आधा) अधमरा, अधपका, अधजला, अधगला, अधखुला, अधखिला, अधनंगा ।

3.  उ     –      उचक्का, उजड़ना, उछलना, उखाड़ना,उतावला ।

4. उन    –    (एक कम)  उन्नीस,उनतीस,उन्तालीस,उनचास,  उनसठ, उन्नासी ।

5. औ    –     (अब)  औगुन, औगढ़, औसर, औघट, औतार ।

6. कु     –     (बुरा)   कुरुप, कुपुत्र, कुकर्म, कुख्यात, कुमार्ग,कुचाल, कुचक्र, कुरीति ।

7. चौ     –    (चार)   चौराहा, चौमासा, चौपाया, चौरंगा,  चौकन्ना, चौमुखा, चौपाल ।

8. पच    –   (पॉंच)   पचरंगा, पचमेल, पचकूटा, पचमढ़ी ।

9. पर     –   (दूसरा)   परहित, परदेसी, परजीवी, परकोटा,   परदादा, परलोक, परकाज, परोपकार ।

10. भर    –   (पूरा)   भरपेट, भरपूर, भरकम, भरसक,  भरमार, भरपाई ।

11. बिन    –   (बिना)   बिनखाया, बिनब्याहा, बिनबोया,  बिन माॅंगा, बिन बुलाया, बिनजाया ।

12. ति      –     (तीन)   तिरंगा, तिराहा, तिपाई, तिकोन,  तिमाही ।

13. दु        –    (दो/बुरा)  दुरंगा, दुलत्ती, दुनाली, दुराहा,  दुपहरी, दुगुना, दुकाल, दुबला ।

14. का     –      (बुरा)    कायर, कापुरुष, काजल ।

15. स      –      (सहित) सपूत, सफल, सबल,सगुण,सजीव, सावधान, सकर्मक ।

16. चिर     –     (सदैव) चिरकाल, चिरायु, चिरयौवन,  चिरपरिचित, चिरस्थायी,    चिरस्मरणीय, चिरप्रतीक्षित ।

17. न        –     (नहीं)   नकुल, नास्तिक, नग, नपुंसक,नगण्य, नेति ।

18. बहू      –   (ज्यादा)   बहुमूल्य, बहुवचन, बहुमत, बहुभुज, बहुविवाह, बहुसंख्यक, बहुपयोगी ।

19. आप     –    (स्वयं)     आपकाज, आपबीती, आपकही,   आपसुनी ।

20. नाना     –   (विविध)   नानाप्रकार, नानारूप,नानाजाति,  नानाविकार ।

21. क        –    (बुरा)      कपूत, कलंक, कठोर ।

22. सम      –    (समान)   समतल, समदर्शी, समकोण,   समकक्ष,समकालीन,समचतुर्भुज,    समग्र ।

(iii)  विदेशी उपसर्ग :

हिंदी भाषा में अन्य भाषाओं के शब्द भी प्रयुक्त होते हैं अतः उनके उपसर्गों को हिंदी भाषा में विदेशी उपसर्ग की संज्ञा दी जाती है ।

1. बे        (रहित)         बेघर, बेवफा, बेदर्द, बेसमझ,  बेवजह, बेहया, बेहिसाब ।

2. दर        (में)           दरअसल, दरबार, दरखास्त,दरहकीकत, दरम्यान ।

3. बा      (सहित)        बाइज्जत, बामुलायजा, बाअदब,कायदा ।

4. कम    (अल्प)        कमअक्ल, कमउम्र, कमजोर,कम समझ, कमबख्त ।

5.  ला    (परे/बिना)    लाइलाज, लावारिस, लापरवाह,लापता, लाजवाब ।

6. ना      (नहीं)         नापसन्द, नाकाम, नाबालिग, नाजायज, नालायक, नाराज, नादान ।

7.  हर       (प्रत्येक)      हरदम, हरवक्त, हररोज, हरहाल, हरमुकाम, हर घड़ी ।

8. खुश        (श्रेष्ठ)         खुशनुमा, खुशहाल, खुशबू,  खुशखबरी, खुश मिजाज ।

9.   बद          (बुरा)      बदबू, बदचलन, बदमाश, बदनाम, बदकिस्मत, बदमिजाज ।

10. सर   (मुख्य/प्रधान)  सरपंच, सरदार, सरताज, सरकार ।

11. ब         (सहित)     बखूबी, बतौर, बशर्त, बदौलत ।

12. बिला     (बिना)      बिलाकसूर,बिलावजह,बिलाकानून ।

13. बेश   (अत्यधिक)    बेश कीमती, बेस कीमत ।

14. नेक      (भला)       नेकराह, नेकनाम, नेकदिल,नेकनीयत ।

15.  ऐन      (ठीक)      ऐनवक्त, ऐनजगह, ऐन मौके ।

16. हम       (साथ)      हमराज, हमदम, हमवतन,हमसफर, हमदर्द ।

17. अल     (निश्चित)     अलगरज, अलविदा, अलबत्ता, अलबेला ।

18. गैर   (रहित/भिन्न)   गैर हाजिर, गैरमर्द, गैर वाजिब ।

19 हैड       (प्रमुख)      हैडमास्टर, हैड ऑफिस, हैडबॉय ।

20. हाफ    (आधा)       हाफकमीज, हाफटिकट,  हाफपेंट, हाफशर्ट ।

21. सब     (उप)        सब रजिस्ट्रार, सबकमेटी, सब इंस्पेक्टर ।

22. को     (सहित)      को-ऑपरेटिव, को-ऑपरेशन,  को-एजुकेशन ।

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