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अधिगम स्थानान्तरण परिभाषा~अर्थ~प्रकार~वक्र व पठार

By Admin@guru

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हेल्लो दोस्तों इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे अधिगम स्थानान्तरण ,अधिगम स्थानान्तरण की परिभाषा ,वक्र व् पठार के बारे में दोस्तों आपको हमारी ये पोस्ट कैसी लगी कोमेंट बोक्स में जरुर बताना

अधिगम स्थानांतरण

अधिगम स्थानांतरण पूर्व में सीखे हुए ज्ञान को नवीन परिस्थितियों में प्रयोग करने को अधिगम स्थानांतरण कहा जाता है

सोरेनसन के अनुसार स्थानांतरण एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान प्रशिक्षण और आदतों का दूसरी परिस्थिति में स्थानांतरित कर प्रयोग किए जाने की स्थिति है 

सोरेन्सन के अनुसार अधिगम दो प्रकार का होता है 

  1. सकारात्मक अधिगम
  2. नकारात्मक अधिगम

कॉलसनीक के अनुसार पहली परिस्थिति में प्राप्त ज्ञान कौशल व अभियोग्यता को दूसरी परिस्थिति में प्रयोग करना स्थानांतरण कहलाता है 

क्रो एंड क्रो के अनुसार अधिगम तीन प्रकार का होता है 

  1. धनात्मक
  2. ऋणात्मक
  3. शुन्यात्म्क

अधिगम स्थानांतरण दो प्रकार का होता है

  1. मुख्य अधिगम स्थानांतरण 
  2. गौण अधिगम स्थानांतरण

मुख्य अधिगम स्थानांतरण तीन प्रकार का होता है 

  1. सकारात्मक स्थानांतरण या धनात्मक स्थानांतरण 

इस परिस्थिति के अंतर्गत पूर्व में सीखा हुआ ज्ञान या अनुभव नवीन व नवीन विषय कौशल को अर्जित करने में सहायक सिद्ध होता है तो वह धनात्मक अधिगम स्थानांतरण कहलाता है 

जैसे

  • साइकिल चलाने वाला स्कूटर या मोटरसाइकिल को आसानी से चला लेता है
  • कक्षा में जोड़ बाकी सीखे हुए ज्ञान का प्रयोग व्यवहारिक जीवन में करना
  • बीएड प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का प्रयोग शिक्षक बनने पर स्कूल में करना 
  • B.Ed कॉलेज में साड़ी पहनने का ज्ञान सीख कर शादी के बाद ससुराल में आसानी से साड़ी पहनना

नकारात्मक स्थानांतरण 

जब पूर्व में सीखा हुआ ज्ञान/अनुभव या कौशल नवीन ज्ञान या कौशल को सीखने में बाधा या रुकावट पैदा करें तो उसे ऋणआत्मक या नकारात्मक अधिगम स्थानांतरण कहते हैं 

जैसे टाइप मशीन पर टाइप करने वाला व्यक्ति का लैपटॉप व कंप्यूटर पर असहज महसूस करना 

भारत में गाड़ी चलाने वाला विदेश में गाड़ी चलाने पर कठिनाई का अनुभव करता है 

अंग्रेजी की टाइपिंग करने वाला हिंदी की टाइपिंग सीखने में बाधा महसूस करता हूं 

शून्य अधिगम स्थानांतरण

पहले सीखा हुआ ज्ञान नवीन ज्ञान को सीखने में यदि न तो बाधा उत्पन्न करता है न सीखने में सहायता प्रदान करता है ऐसा अधिगम शून्य अधिगम स्थानांतरण कहला कहलाता है 

जैसे 

  • B.Ed प्रशिक्षण करने के बाद बैंक की नौकरी में लगने पर न तो सहायता प्रदान करता है न रुकावट  
  • भूगोल का ज्ञान साहित्य के मैं तो सहायता प्रदान करता है नहीं कोई रुकावट पैदा करता है  
  • कबीर के दोहे याद करने पर रहीम के दोहे याद करना 
  • एक खिलाड़ी अच्छी बल्लेबाजी के साथ-साथ अच्छी गेंदबाजी भी कर सकता है 
  • गणितीय रेखागणित का ध्यान रखने पर हिंदी में अलंकार सीखने पर कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती 

 

अधिगम स्थानांतरण यह चार प्रकार का होता है 

  • एकपक्षीय स्थानांतरण 
  • द्विपक्षीय स्थानांतरण  
  • लंबवत स्थानांतरण
  •  क्षेतीज स्थानांतरण

 

एक पक्षिय स्थानांतरण 

शरीर के अंग को किसी कार्य में प्राप्त कौशल का उपयोग इसी से दूसरे कार्य को करने में भी किया जाए तो इसे एक पक्षिय स्थानांतरण कहते हैं 

जैसे फोटोग्राफर दाहिनी आंख से कैमरे से फोटो प्राप्त करने का कौशल प्राप्त करने के बाद इसी आंख से सूक्ष्म दर्शी या बंदूक चलाने का कार्य करें

द्विपक्षीय स्थानांतरण 

जब शरीर के किसी एक अंग/भाग में कार्य करने का कौशल प्राप्त होता है यही कुशलता  जब दूसरे भाग में स्थानांतरित हो जाए तो इसे द्विपक्षिय स्थानांतरण कहते हैं यह भी दो प्रकार का होता है 

सकारात्मक द्विपक्षीय 

इसके अंतर्गत एक फोटोग्राफर अपनी दाई आंख से वस्तु का फोटो लेने का कौशल प्राप्त करने के बाद वह यह कार्य बाई आंख भी कर सकता है

 दाएं हाथ से लिखने वाला व्यक्ति बाएं हाथ से लिखने का भी कौशल प्राप्त करना 

ऋणआत्मक द्विपक्षीय स्थानांतरण

 एक बालक अपने दाएं हाथ से लिखना  सीख जाता है परंतु वह बाएं हाथ से नहीं लिख पाता इसे द्विपक्षीय नकारात्मक स्थानांतरण कहते हैं 

लंबवत या उर्ध्वाकार स्थानांतरण

 जब पहले सीखा हुआ ज्ञान भविष्य में किसी ज्ञान को सीखने में स्थानांतरित हो जाए तो उसे लंबवत या उर्ध्वाकार  स्थानांतरण कहते हैं

 सकारात्मक लंबवत स्थानांतरण 

आठवीं कक्षा का छात्र अपनी कक्षा में अर्जित विषय के ज्ञान का उपयोग दसवीं कक्षा में नवीन ज्ञान को सीखने में सहायता करें इसे लंबवत सकारात्मक स्थानांतरण कहते हैं

 नकारात्मक लंबवत स्थानांतरण 

पांचवी कक्षा का विद्यार्थी अपना नाम थोड़ा बहुत लिखना पढ़ना सीखें और यदि वह अगले 10,15 वर्ष तक पढ़ाई नहीं करें तो वह नहीं सीख पाता है इसे नंबर पर नकारात्मक स्थानांतरण कहते हैं

 क्षैतिज स्थानांतरण 

जब एक विषय का ज्ञान का उपयोग दूसरे विषय को सीखने में किया जाए उसे क्षैतिज स्थानांतरण कहा जाता है 

जेसे    एक छात्र चित्रकला का ज्ञान अर्जित कर के इसका प्रयोग गणित और विज्ञान आदि विषय में करें तो क्षैतिज  स्थानांतरण कहलाता है 

अधिगम के वक्र 

एक बालक की सीखने की प्रगति कितनी है इसका मापन करना ही अधिगम वक्र कहलाता है 

धिगम तीन प्रकार के होते हैं 

  1. सकारात्मक
  2. नकारात्मक व
  3. मिश्रित

सकारात्मक/धनात्मक  

ऐसा वक्र जिसमें सीखने की गति प्रारंभ में मंद तथा बाद में तीव्र होती जाती है धनात्मक या उन्नतोदर कहा जाता है 

नतोदर/ऋणात्मक 

 ऐसा सीखना जिसमें सीखने की दर प्रारंभ में तेज तथा बाद में धीमी हो जाए नतोदर कहलाता है 

मिश्रित 

ऐसा अधिगम वक्र जिसमें अधिगम कभी तेज तो कभी मंद गति से चलता रहे मिश्रित अधिगम वक्र कहलाता है

 सरल या साधारण वक्र 

ऐसा वक्र जिसमें सीखने की गति सदैव समान रहती है सरल रेखीय वक्र कहलाता है 

पठार का अर्थ 

  • अधिगम की गति प्रारंभ में तेज गति से बढ़ती है लेकिन कुछ समय बाद रुकी हुई सी प्रतीत हो उसे अधिगम का पठार कहते हैं 
  • अधिगम का पठार S आकार अर्थात मिश्रित अधिगम वक्र मैं ज्यादा बनते हैं 
  • सरल रेखीय वक्र में अधिगम पठार नहीं बनते 
  • उन्नतोदर व नतोदर अधिगम वक्र में एक एक पठार बनते हैं 

 

अधिगम स्थानांतरण के सिद्धांत

  • समान तत्व का सिद्धांत  ~ थार्नडाइक
  •  मानसिक शक्ति का सिद्धांत ~गेट्स द्वारा
  •  दो तत्वों का सिद्धांत~ स्पीयर मैन
  • क्षेत्रीय पूर्णता का सिद्धांत ~ मेक्स वर्दिमर,कोफ्का और कोहलर
  • सामान्य करण का सिद्धांत ~ सी एच जड
  • आदर्श वाद का सिद्धांत ~ बागले

 

 अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक

  • वंशानुक्रम
  • वातावरण
  • अंतः स्रावी ग्रंथियां
  •  पोस्टिक आहार
  •  परिपक्वता
  •  मानसिक स्वास्थ्य

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