जन आधार DBT से सम्बन्धित महत्वपूर्ण समस्या समाधान प्रश्न उत्तर

प्रिय शिक्षक आपकी सहायता के लिए यंहा DBT व जन आधार कार्ड से सम्बन्धित महत्वपूर्ण समस्या समाधान से जुडी FAQ प्रस्तुत है

Table of Contents

प्रश्न 1. आधार एवं जन-आधार में मूलभूत अन्तर क्या है?

उत्तर:- आधार एक व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान है, जबकि जनाधार एक परिवार इकाई की पहचान होती है जनाधार में उपलब्ध मेम्बर आई.डी. आधार की तरह प्रत्येक सदस्य की व्यक्तिगत पहचान होती है।

प्रश्न 2. जन-आधार कैसे, कौन एवं बिन दस्तावेजो के सहायता से बनवा सकता है ?

उत्तर:- जन-आधार नियमों के अनुसार राजस्थान में 6 माह या अधिक निवास करने वाला देश का कोई भी नागरिक जन-आधार बनवा सकता है वर्तमान में इसके लिए केवल महिला मुखिया सहित परिवार के किसी भी एक अन्य सदस्य के आधार एवं बैंक खाता विवरण की आवश्यकता होती है बाकि सदस्य किसी भी पहचान दस्तावेज के साथ नाम जुड़वा सकते है वर्तमान में सभी सदस्यों के आधार नं. की अनिवार्यता नहीं है

3. अगर जन-आधार में नया नाम जुड़वाना हो तो कोई कैसे जुड़वा सकता है ?

उत्तर:- केवल ई-मित्र सुविधा के माध्यम से ही जन-आधार में नया नाम जुड़वाया या हटाया जा सकता है एवं वर्तमान में इस प्रक्रिया में नाम जुड़वाने वाले व्यक्ति के लिए आधार नंबर की कोई अनिवार्यता नहीं होती है।

4. शाला दर्पण पर जन-आधार प्रमाणिकरण से क्या आशय है ?

उत्तर :- शाला दर्पण पर जन-आधार प्रमाणिकरण से आय है कि उस विद्यार्थी के परिवार के जनाधार संख्या एवं मेम्बर आई.डी. के आधार पर शाला दर्पण पर संबंधित विद्यार्थी के नाम, जन्मदिनांक एवं लिंग के डाटा का मिलान जन-आधार पोर्टल पर उपलब्ध उसके नाम, जन्मदिनान एवं लिंग के डेटा के मिलान से है अगर उसका नाम, जन्मदिनांक एवं लिंग का डाटा दोनों पोर्टल पर मिलान हो जाता है तो इसे प्रमाणिकरण (Authentication) करना कहते है

5. शाला दर्पण पर TRN जनरेट करने से क्या लागय है एवं इस प्रक्रिया में विद्यार्थी के किस -2 डेटा का मिलान करते है ?

उत्तर :- उक्त प्रश्न संख्या 04 के अनुसार शाला दर्पण पोर्टल पर किया गया प्रमाणिकरण जब विद्यार्थी के नाम, जन्म दिनांक एवं लिंग के डेटा में भिन्नता के कारण असफल हो जाता है उस स्थिति में विद्यार्थी के शाला दर्पण पर उपलब्ध रिकॉर्ड को ही अंतिम एवं सही मानते हुए जन-आधार पर भी वैसा का वैसा संशोधित करने हेतु शाला दर्पण पोर्टल पर विद्यालय/स्टाफ विंडो लॉग इन द्वारा रिक्वेस्ट जनरेट की जाती है उसे TRN जनरेट करना कहा जाता है। अगर आपने TRN जनरेट करते समय गलती से किसी दूसरे विद्यार्थी के परिवार का जन-आधार एवं मेम्बर आई.डी का उपयोग किया तो उस विद्यार्थी का रिकॉर्ड किसी दूसरे विद्यार्थी के जन-आधार रिकॉर्ड में अपडेट हो। इसलिये यह कार्य अत्यंत सावधानी से किया जाना चाहिये |

प्रश्न 6. शाला दर्पण पोर्टल से TRN के माध्यम से विद्यार्थी के जन-आधार में का क्या क्या डेटा संशोधित किया जाता है ?

उत्तर:- शाला दर्पण के माध्यम से जब प्रमाणिकरण का कार्य डेटा मिनमेव के कारण असफल हो जाता है तब हम शाला दर्पण पर TRN जनरेट कर उस विद्यार्थी का केवल नाम, जन्मदिनांक एवं लिंग सम्बंधित डेटा संशोधित कर सकते हैं

प्रश्न 7. जन-आधार में पूर्व उपलब्ध बैंक डिटेल को कैसे संशोधित करवाया जा सकता है ?

उत्तर :- जन-आधार बनाते समय माँ/महिला मुखियां का बैंक अकाउंट अनिवार्य होता है उसके या अन्य किसी सदस्य के उपलब्ध बैंक अकाउंट में संशोधन ई-मित्र के माध्यम से ही संभव है।

प्रश्न 8. क्या किसी विद्यार्थी के प्रमाणिकरण के समय उसके जन-आधार नंबर के साथ-साथ आधार का भी प्रमाणिकरण किया जाता है ?

उत्तर:- जी नहीं, जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि, जन-आधार में परिवार के प्रत्येक व्यक्ति के आधार की आवश्यकता नहीं होती है जन-आधार प्रमाणिकरण के समय हम किसी के भी आधार का प्रमाणिकरण नहीं करते है केवल जन-आधार नंबर एवं मेम्बर आई.डी. के आधार पर विद्यार्थी के नाम. डी. ओ.बी एवं लिंग के मिलान के आधार पर प्रमाणिकरण किया जाता है कि ये जन-आधार इसी विद्यार्थी का है जन-आधार में केवल महिला मुखिया एवं परिवार में से किसी एक अन्य का आधार, जन-आधार बनवाने के लिए प्राथमिक दस्तावेज है।

प्रश्न 9. शाला दर्पण के माध्यम से यूनीफोर्म की DBT (Direct Benefit Transfer) किस प्रकार किया जा रहा है ?

उत्तर :- सबसे पहले यह देखा जाता है कि, विद्यार्थी का जन-आधार में शाला दर्पण में उपलब्ध रिकॉर्ड अनुसार नाम आदि है या नहीं है। अगर एक बार ये निश्चित हो जाए है कि विद्यार्थी का सभी रिकॉर्ड सही है और उस जन-आधार में उपलब्ध है तो उसके शाला दर्पण पर भुगतान हेतु जन-आधार उस जन-आधार में उपलब्ध विद्यार्थी / महिला मुखिया के खाता संख्या का उपयोग करते हुए राशि हस्तान्तरण की जायेगी

प्रश्न 10. क्या भुगतान के समय बच्चे का जन-आधार का भी मिलान किया जाता है ?

उत्तर:- जैसा कि पूर्व में भी बताया गया है कि पूरी प्रक्रिया में आधार की कहीं भी अनिवार्य नहीं है आधार की अनिवार्यता केवल जन-आधार बनवाने तक ही है और उसी तरह जन आधार की अनिवार्यता केवल विद्यार्थी के डाटा प्रमाणिकरण तक एवं उस जन-आधार में उपलब्ध बैंक खाता प्राप्त करने तक की है

प्रश्न 11. क्या बिल बनाने से पूर्व बैंक के IFSC कोड का वैलिडिटी का सत्यापन किया जाता है।

उत्तर :- जी हाँ, विद्यार्थियों का जन आधार प्रमाणित होने के बाद जन आधार से बेंक का  IFSC कोड एवं बैंक खाता संख्या प्राप्त होती है  जिसकी  वेलिडिटी चेक पे मेनेजर के  पैरामीटर अनुसार उपलब्ध करवाई गई सर्विस के अधर पर चेक किया जाता है

प्रश्न 12. क्या जन आधार से प्राप्त किसी बैंक के गलत IFSC (मुख्य रूप से बैंक मर्जर के कारण) से  बिल बनाना संभव है ?

उत्तर:- जी नहीं, अगर कोई गलत IFSC कोड जन-आधार में होतो उसका बिल नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि पे मेनेजर इसे बिल को पहले ही रोक देता है पे- मेनेजर ऐसे IFSC कोड को पहले ही अपने सिस्टम से हटा चुका होता है

प्रश्न 13. प्रमाणिकरण की प्रक्रिया से गुजरने के बाद जन-आधार प्राधिकरण से प्राप्त बैंक पाते एवं IFSC का येमेनेजर द्वारा सत्यापन होने के बावजूद पेमेंट नहीं होने के क्या कारण हो सकते है ?

उत्तर :- पेमेंट फैल होने का मुख्य कारण बैंक अकाउंट की बैंक में स्थिति पर निर्भर करता है कि बैंक अकाउंट ऑपरेटिव भी है या नहीं है कहीं अकाउंट क्लोज्ड  डोमेंट आदि तो नहीं

प्रश्न 14. विद्यार्थी के परिवार के जन-आधार कार्ड में नाम, जन्म दिनांक एवं लिंग से संबंधित जानकारी में संशोधन के लिए विद्यार्थी को कहाँ पर भेजेंगे?

उत्तर:- इसके लिए विद्यार्थी को नहीं नहीं भेजना है ये कार्यशाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से TRN जनरेट कर संभव है

15. एक बार शाला दर्पण के माध्यम से TRN द्वारा सेट गोधन के उपरांत पुनः संशोधन कर कैसे संभव होगा ?

उत्तर:- वर्तमान में एक बार TRN जनरेट में संशोधन हो जाने के उपरांत पुन: जन-आधार में पुनः कोई भी संशोधन जिला कलेक्टर महोदय के स्तर से किया जाना संभव होगा अतः बहुत हि सावधानी से TRN जारी किया जाने की आवश्यकता

14. यूनिफार्म सिलाई राशि की DBT के समय पर -2 करते है पर देखते है ?

उत्तर:- एक बार जन-आधार के गम से संबंधित विद्यार्थी के थाना दर्पण पोर्टल पर पहचान सुनिधित कर लेने के बाद भुगतान के लिए केवल हम एक बैंक अकाउंट एवं उसका IFSC कोड के और मिलन नहीं किया जाता है

[17] किन कारणों  से शाला दर्पण पर वर्तमान में जनाधार प्रमाणीकरण से विधार्थी शेष  रहे है

उत्तर :- शाला दर्पण द्वारा किये गये रेमैंडली सलेक्टेड 9 peeo विद्यालयों के लगभग छ हजार विधार्थी पर किये गये सर्वे के अधर पर प्रमाणीकरण से शेष रह रहे जन आधार के मुख्य कारण रिपोर्ट निम्न है

  • राज्य के बिना जन आधार कार्ड वाले छात्र
  • बाहरी राज्यों के विधार्थी
  • जन आधार बना हुवा पर छात्र का नाम कार्ड में नही
  • शाला दर्पण पर TRN जनरेट नही
  • इ मित्र से सही करवाया पर संसोधन नही हुवा

 

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